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गाज़ा युद्धविराम समझौते के तहत सभी 20 इसरायली बंधकों की रिहाई, रेड क्रॉस ने संभाली जिम्मेदारी |
गाज़ा संघर्ष में जारी युद्धविराम समझौते के तहत बड़ा कदम उठाते हुए हमास ने सभी 20 इसरायली बंधकों को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के हवाले कर दिया है। इसरायली सेना ने पुष्टि की है कि सोमवार को पहले सात और उसके बाद मंगलवार को शेष 13 बंधकों को रिहा किया गया, जिससे सभी जीवित बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
इसरायली सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि रेड क्रॉस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सभी बंधकों को उनके हवाले कर दिया गया है और वे गाज़ा पट्टी से इसरायली रक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों की टीमों तक पहुंचने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि बंधकों की शारीरिक और मानसिक स्थिति के बारे में फिलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
हमास के अनुसार, इन 20 इसरायली बंधकों की रिहाई के बदले में इसरायल में बंद 1900 से अधिक फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। यह अदला-बदली समझौता कतर और मिस्र की मध्यस्थता से संपन्न हुआ है। इस समझौते की घोषणा के बाद इसरायल में बंधकों के परिजनों और समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। कई लोगों ने टीवी चैनलों पर खबर प्रसारित होते ही नारे लगाए और अपने प्रियजनों की सकुशल वापसी पर राहत व्यक्त की।
अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने पहले ही घोषणा की थी कि उसने कई चरणों में होने वाले एक विशेष अभियान की शुरुआत की है ताकि युद्धविराम समझौते के अंतर्गत बंधकों और कैदियों की सुरक्षित रिहाई की निगरानी की जा सके। रेड क्रॉस बंधकों को प्राप्त कर इसरायली अधिकारियों को सौंपेगा, वहीं रिहा किए गए फ़लस्तीनी कैदियों को गाज़ा पट्टी और पश्चिमी तट तक पहुंचाने की निगरानी भी करेगा।
रेड क्रॉस ने यह भी कहा है कि वह संघर्ष में मारे गए लोगों के पार्थिव अवशेषों की वापसी की प्रक्रिया में भी सहयोग करेगा, ताकि उनके परिवारजन उन्हें सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार दे सकें। इसरायली सेना ने बताया कि रेड क्रॉस का एक काफिला पहले समूह के बंधकों को लेने के लिए रवाना किया गया था और यह अदला-बदली उत्तर गाज़ा पट्टी के एक निर्धारित स्थान पर संपन्न हुई। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि वे आगे भी रेड क्रॉस के सहयोग से शेष बंधकों की प्राप्ति के लिए तैयार हैं।
इस रिहाई और युद्धविराम समझौते ने गाज़ा और इसरायल के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बीच एक अस्थायी राहत और मानवीय उम्मीद की किरण पैदा की है।