– दिल्ली ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025 —
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दाखिल याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई में फिल्म निर्माता की ओर से बताया गया कि फिल्म और उसके ट्रेलर से विवादास्पद दृश्य हटा दिए गए हैं।
इसके मद्देनज़र कोर्ट ने फिल्म निर्माता को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता मौलाना अरशद मदनी के वकील कपिल सिब्बल सहित अन्य कानूनी प्रतिनिधियों के लिए फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें।
फिल्म निर्माता की ओर से पेश वकील चेतन शर्मा ने स्क्रीनिंग को एक निष्पक्ष व्यक्ति की उपस्थिति में कराने का प्रस्ताव रखा। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सख़्त रुख़ अपनाते हुए कहा कि,
“याचिकाकर्ता को फिल्म को चुनौती देने का संवैधानिक अधिकार है। अतः स्क्रीनिंग याचिकाकर्ता के वकीलों की उपस्थिति में ही होनी चाहिए।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि विशेष स्क्रीनिंग की रिपोर्ट बुधवार को कोर्ट में पेश की जाए और मामले की अगली सुनवाई भी बुधवार को ही होगी।
जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया कि,
“हमारे कोर्ट जाने के बाद, फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड के वकीलों ने अपनी गलती स्वीकार की और ट्रेलर से विवादास्पद दृश्य हटाने की बात स्वीकारी। अब हमें उम्मीद है कि अदालत फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए, संविधान की भावना के अनुरूप फैसला सुनाएगी, जिससे संविधान की सर्वोच्चता बनी रहे।”
इस मामले को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। फ़िलहाल सभी की निगाहें बुधवार को होने वाली अगली सुनवाई और विशेष स्क्रीनिंग की रिपोर्ट पर टिकी हैं।
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