मलकापुर – महावितरण कंपनी के मलकापुर उपविभाग में बिजली वितरण का जिम्मा पूरी तरह से राम भरोसे चल रहा है। कार्यालयीन कागज़ों पर ‘पेट्रोलिंग’ यानी बिजली लाइन का निरीक्षण तो रोज़ दिखाया जाता है, लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही है। शहर के पारपेठ, जाटपुरा, किसान चौक, ममता नगर, शक्ति नगर, आजाद वार्ड और अन्य कई इलाकों में अक्सर घंटों तक बिजली गुल हो जाती है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि महावितरण के अधिकारी व कर्मचारी पेट्रोलिंग या निरीक्षण के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति करते हैं। ज़मीन पर न तो ट्रांसफार्मरों की स्थिति की जांच की जाती है और न ही बिजली लाइनों की मरम्मत समय पर की जाती है। ईदगाह प्लॉट क्षेत्र में तो स्थिति बेहद गंभीर है, जहां हल्की बारिश या हवा के बाद भी बिजली गुल हो जाती है। घंटों तक बिजली नहीं आती, जिससे बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों को काफी तकलीफ होती है।
ईदगाह प्लॉट बना सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका
ईदगाह प्लॉट पारपेठ इलाके के रहवासियों ने बताया कि वे महीनों से बिजली की इस बदहाली से जूझ रहे हैं। रात के समय अंधेरे में रहने की मजबूरी हो गई है। शिकायत करने पर महावितरण के कर्मचारी टालमटोल करते हैं और कोई ठोस समाधान नहीं निकालते। कई बार तो शिकायत दर्ज कराने के बावजूद लाइनमैन आते ही नहीं।
नौकरी सिर्फ़ आराम के लिए..?
जानकारों के अनुसार, महावितरण विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में बैठे-बैठे सिर्फ़ खानापूर्ति कर रहे हैं। फील्ड पर जाकर काम करने में उनकी कोई रुचि नहीं है। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों की भी चुप्पी
शहर के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या पर खामोश नजर आते हैं। ना तो किसी ने इस ओर ध्यान दिया है और ना ही कोई कार्रवाई की मांग की है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो जनता की समस्याएं किसी के लिए मायने ही नहीं रखतीं।
मांग: तत्काल कार्रवाई हो
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि मलकापुर महावितरण कार्यालय की कार्यप्रणाली की जांच की जाए, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और पेट्रोलिंग की सच्चाई की उच्चस्तरीय जांच की जाए। साथ ही पारपेठ ईदगाह प्लॉट सहित अन्य इलाकों में स्थायी रूप से बिजली व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।