12 आरोपियों में जलगांव के आसिफ बशीर खान को भी फांसी की सज़ा सुनाई गई थी
21 जुलाई को मुंबई हाइकोर्ट ने एक तारीखी फैसला सुनाया और उन तमाम 12 मुस्लिम जवानों को बा इज़्ज़त बरी किया जिनको 2006 में मुंबई लोकल ट्रेन बॉम्बब्लास्ट केस में 19 सालों से जेल में ठूस दिया गया था, निचली अदालत ने तो 5 को सज़ा ए मौत और 7 को उमर क़ैद की सज़ा सुनाई थी,मगर जमीयत उलमा अरशद मदनी ने इन तमाम आरोपियों का केस लड़ा, और अलहम्दुलिल्लाह इन्साफ की जीत हुई,12 मुस्लिम जवानों को पूरी तरह हाइकोर्ट से रिहाई मिली, साफ बात है कि जमीयत उलमा की ये सबसे बड़ी ख़िदमात है, इसलिए उम्मत ने जमीयत उलमा का शुक्रिया अदा करना ही चाहिए, इसी को लेकर आज जलगांव में जमीयत उलमा अरशद मदनी महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष (नायब सदर) मुफ्ती मोहम्मद हारून साहब नदवी का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ऑर्डिनेशन कमेटी ने शुक्रिया अदा किया और मुफ्ती साहब के ज़रिए जमीयत उलमा के महाराष्ट्र अध्यक्ष मौलाना हलीमुल्लाह साहब क़ासमी और राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना अरशद मदनी और जमीयत के तमाम एडवोकेट खुद्दाम का भी शुक्रिया अदा किया गया, कयोंकि इन छूटने वालों में जलगांव का भी एक जवान आसिफ बशीर खान जिसको फांसी की सज़ा सुना दी गई थी वो भी शामिल है, हम अहलियाने जलगांव जमीयत उलमा का खास शुक्रिया अदा करते हैं।
इस मौके पर मजलिस ए मुशावरत के अब्दुल करीम सालार साहब, जमाते इस्लामी हिंद के जिला अध्यक्ष सुहैल अमीर साहब, सुन्नी जमात के सैयद अयाज़ अली, कांग्रेस के जमील शेख और अमजद पठान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एजाज़ मलिक, शिवसेना के खालिद बागबान, ईदगाह ट्रस्ट से अब्दुल अज़ीज़ सालार, अशफाक बागबान, नगरसेवक रियाज़ बागबान, इक़बाल पीरजादे, शहीद मेम्बर, अब्दुल्लाह सर हाफिज सफी, इरफान सालार, डॉ रागिब, कय्यूम शाह सर सभी ज़िम्मेदार मौजूद थे।

