पारंपरिक व्यवसाय पर अन्याय तुरंत रोका जाए – अन्यथा संविधानिक आंदोलन होगा |
नांदुरा: महाराष्ट्र में कुरेशी समाज के पारंपरिक और कानूनी पशु व्यापार, परिवहन और कटाई व्यवसाय पर लगातार अन्याय, दमन और बेवजह की कार्यवाही हो रही है। इसी के संदर्भ में आज महाराष्ट्र कुरेशी समाज संघर्ष समिति की ओर से तहसीलदार साहेब नांदुरा यांच्यामार्फत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, कृषि व पशुसंवर्धन मंत्री तथा राज्य अल्पसंख्यक आयोग यांच्याकडे निवेदन सादर करण्यात आले.
या निवेदनप्रसंगी समाजवादी पार्टीचे बुलढाणा जिल्ह्याचे युवा जिल्हाध्यक्ष
आझाद पठाण हे स्वतः उपस्थित होते.*

कुरेशी समाज का परंपरागत व्यवसाय पूरी तरह से कानूनी है, लेकिन हाल ही में अनेक स्थानों पर समाज के लोगों को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
गोवध नियंत्रण कानूनों का दुरुपयोग, पुलिस/गोरक्षक दलों की मनमानी कार्यवाही, जानवरों की जब्ती, झूठे एफआईआर और सार्वजनिक बदनामी जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
इसका समाज पर गहरा आर्थिक, सामाजिक और मानसिक प्रभाव पड़ रहा है।
