जमीयत उलमा नेल्लौर आंध्रा प्रदेश का इस्लाही इजलास बेहद कामयाब
Shaikh Zaid Ahmed | Viral news live
वतन ए अज़ीज़ की आज़ादी उलमा और मुसलमानो की कुर्बानियों की देन है, जमीयत उलमा के अकाबिरीन ने मैदान में रहकर डटकर अंग्रेज़ो का ऐसा मुक़ाबला किया कि उनको देश छोड़ने पर मजबूर किया, दिल्ली के लाल किले से लेकर लाहौर तक दरख़्तों पर उलमा की लाशें मिली, अंग्रेज़ों ने उलमा को काटा जलाया और फांसी के फंदों पर चढ़ाया मगर उलमा उस वक़्त तक पीछे नहीं हटे जबतक अंग्रेज़ को नहीं भगाया, मगर अफसोस अब इन उलमा का ज़िक्र नहीं किया जा रहा है, इनकी मेहनतों कुर्बानियों को बयान भी नहीं किया जा रहा है जो स्वतंत्र सैनानियों का अपमान है, भगवा सिलेबस मार्केट में आ रहा है जो झूठी मनघडत किस्से कहानियों को प्रमोट कर अंग्रेज़ो के वफादारों को असल स्वतंत्र सैनानियों की तरह बयान करने में सफल हो सकता है इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि आने वाली नस्लों को अपने उलेमा और बुजुर्गों की कुर्बानियों को बयान करें ताकि वह जान सके कि इस देश को आज़ादी दिलाने में उनके पूर्वजों ने कैसी भूमिका निभाई, जुमा के बयानात में भी उलमा की कुर्बानियों का तफसीली ज़िक्र किया जाएं। ऐसी बहुत ही अहम बातें आंध्रा प्रदेश के नेल्लौर शहर में जमीयत उलमा के इजलास में महाराष्ट्र जमीयत उलमा के उपाध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद हारून नदवी ने बयान में पेश करते हुए मौजूदा हालात में फैलती नफरतों को ख़त्म करने की कोशिश करने की जरूरत पर बात की।
इस इजलास की सदारत हज़रत अक़दस मुफ्ती अब्दुल वहाब साहब ने फरमाई, और सख़्त बीमार होने के बावजूद व्हीलचेयर पर तशरीफ लाए, आपकी ही मुख्तसर नसीहत और दुआ पर इजलास ख़त्म हुआ।
इस इजलास में मुफ्ती शेख मोहम्मद इलियास, हज़रत मौलाना अब्दुल सलाम, मौलाना मुश्ताक साहब और जमीयत उलमा आंध्रा प्रदेश के उपाध्यक्ष हज़रत मौलाना मोहम्मद इलियास साहब भी मुख्तसर नसीहत करते हुए जमीयत उलमा की कुर्बानियों को बयान करते हुए इसकी मेंबरसाज़ी पर ज़ोर दिया।
मुफ्ती मोहम्मद हारून नदवी का आंध्रा प्रदेश जमीयत उलमा का ये दौरा बेहद कामयाब रहा और आस पास के इलाकों में जमीयत उलमा के मिशन को आम करने में मदद मिली।
नेल्लौर शहर और आस पास के उलमा और अवाम ने इस जलसा ए आम में बड़ी तादाद में शिरकत की।